1. समय पर जमा करें ईएमआई आपका सिबिल स्कोर इस बात पर डिपेंड करता है कि, आप समय पर भुगतान करते हैं या नहीं। यदि आप समय पर भुगतान नहीं करते हैं तो इसे डिफॉल्टर माना जाता है और यही रिकॉर्ड आपके क्रेडिट रिपोर्ट में भी दर्ज किया जाता है। इस तरह की खराब रिपोर्ट से आपका सिबिल स्कोर गिरने लगता है। यही वजह है कि, कंपनियां सही समय पर भुगतान करने की सलाह देती है। लेकिन लोग इसे अनदेखा कर देते हैं और सिबिल स्कोर खराब कर लेते हैं जिसके कारण उन्हें दोबारा लोन लेने में मुश्किल होती है।
2. क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर करें पूरा भुगतान हर महीने आपको क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो लोन देने वाली कंपनी भी इस बात का खास ख्याल रखती है कि आप एक जिम्मेदार उधारकर्ता है। यदि आप पूरी जिम्मेदारी से क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा भुगतान करते हैं तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार होता है। यदि आपका क्रेडिट बिल अधिक हो गया है तो आप एक न्यूनतम राशि तय करें और उसके अनुसार जल्द से जल्द इस बिल का भुगतान करने की कोशिश करें।
3. जिम्मेदारी से ले कर्ज़ किसी भी कंपनी से लोन या कर्ज लेते समय उतना ही उधार ले जितना आप वापस उसे चुका सकते हैं। ऐसा करने से आपके ऊपर ज्यादा भार नहीं रहेगा और आप आसानी से अपनी किस्तें चुका पाएंगे। जब आप पहली बार किसी कंपनी से लोन लेते हैं तो बैंक या कोई भी लोन संस्थान इस बात को समझती है कि आप एक जिम्मेदार उधारकर्ता है इसीलिए पहली बार में आसानी से लोन दे देती है। लेकिन आप समय पर भुगतान नहीं करते तो इसकी वजह से आपका सिबिल स्कोर खराब होने लगता है। ऐसे में आप कोशिश करें कि, जरूरत के अनुसार ही लोन ले और समय पर इसका भुगतान करें।
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4. सही रूप से करें क्रेडिट का उपयोग क्रेडिट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना उचित नहीं होता है, किसी भी व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तभी करना चाहिए तब उसे इसकी बहुत ज्यादा जरूरत हो। कहा जाता है कि, मिली क्रेडिट लिमिट का केवल 30% ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसी प्रतिशत को क्रेडिट रिपोर्ट में शामिल किया जाता है जिससे आपके सिबिल स्कोर पर भी प्रभाव पड़ता है।
5. खराब ना होने दे क्रेडिट की रेटिंग बता दें, लोन दो प्रकार का होता है। पहला वह जिसमें आप प्रॉपर्टी गिरवी रखकर लोन लेते हैं और दूसरा वह जिसमें आप बिना कुछ सामान गिरवी रखकर लोन लेते हैं। जब आप प्रॉपर्टी गिरवी रखते हैं तो इसे सिक्योर या सुरक्षित लोन कहा जाता है। जैसे कि ऑटो लोन, होम लोन इत्यादि। दूसरा लोन वह जिसमें आप कुछ भी गिरवी नहीं रखते उसे अनसिक्योर्ड या असुरक्षित लोन कहा जाता है।
जैसे कि क्रेडिट कार्ड्स, बिजनेस लोन और पर्सनल लोन इत्यादि। यदि आप एक से अधिक अनसिक्योर्ड लोन लेते हैं तो इससे आपके सिबिल क्रेडिट की रेटिंग खराब होती है। इसलिए आप एक समय में दो अनसिक्योर्ड लोन लेने से बचें और एक समय में केवल एक ही लोन लेने की कोशिश करें, ताकि आपका सिबिल स्कोर अच्छा दिखे।
6. समय पर चेक करते रहे सिबिल स्कोर कोशिश करें कि, आप अपने सिबिल स्कोर की जांच हर महीने करा सके। ऐसा करने से आपको पता लगता रहेगा कि, आपका सिबिल स्कोर कितना है? सिबिल स्कोर सही है या गलत? आपको इस बात से बिल्कुल भी डरना नहीं चाहिए कि यदि किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर एक बार खराब हो चुका है तो वह दोबारा ठीक नहीं हो सकता। दरअसल, कभी-कभी ऐसा होता है कि, बिना कारण ही किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है या कम दिखता है। ऐसे में आप आवेदन देकर इस क्रेडिट स्कोर को सही करा सकते हैं।
जब आप सिबिल कंपनी में अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए आवेदन देते हैं तो सिविल कंपनी अपनी ओर से 30 दिनों के अंदर ही इसका जवाब दे देती है। बता दे, सिविल कंपनी को आवेदन करने से पहले आपको उस बैंक या वित्त कंपनी से संपर्क करना होगा जिससे आपने लोन लिया है। यदि यह कंपनी आपके सिबिल स्कोर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देती है या फिर पुराने क्रेडिट स्कोर पर ही अड़ी रहती है, तो ऐसी स्तिथि में आप सिबिल स्कोर ठीक कराने के लिए सिबिल कंपनी से संपर्क कर सकते हैं।
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