माता पिता के पहनावे, उनके बोल चाल या उनकी वृद्धावस्था से कभी शर्मिंदा न हों।
कुछ नही जानते हों उस बारे में पूछने से या ना जानकारी होने के कारण बता पाने में असमर्थ होने से शर्मिंदा होने की कोई जरूरत नहीं है।